Our Master is out of this World
When a disciple gets the key to divine happiness from his True Satguru, his feet are always in the air. A poem dedicated to true Master Saint Gurmeet Ram Rahim Singh Ji Insan.
बिना गर्ज के प्यार हमें कर,
सब धर्म को एक बनाये..
इन्सानियत की वो मिसाल है...
हमारा गुरु ही इतना कमाल है ।
मानव्ता के कार्य सिखा कर ,
बुरे कामों से परहेज करवाये ....
इन्सानियत की वो मिसाल है ...
हमारा गुरु ही इतना कमाल है ।
बुरे कामों से परहेज करवाये ....
इन्सानियत की वो मिसाल है ...
हमारा गुरु ही इतना कमाल है ।
खुद को चौंकीदार बता कर ,
दुनिया का वो बोझ उठाये ....
इन्सानियत की वो मिसाल है,
हमारा गुरु ही इतना कमाल है ।
दुनिया का वो बोझ उठाये ....
इन्सानियत की वो मिसाल है,
हमारा गुरु ही इतना कमाल है ।
अच्छा हमें इंसान बना कर ,
सचखंड की वो सैर कराये ...
इन्सानियत की वो मिसाल है ,
सचखंड की वो सैर कराये ...
इन्सानियत की वो मिसाल है ,
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